भारतीय ज्योतिष में ग्रहों की ऊर्जा को संतुलित करने के लिए रत्नों का विशेष स्थान है। जब किसी जातक की कुंडली में ग्रह अशुभ स्थिति में हो, या ग्रहों की दशा विपरीत फल दे रही हो, तब रत्न धारण करना एक प्रभावी उपाय होता है।
रत्न उन ग्रहों की सकारात्मक ऊर्जा को बढ़ाते हैं, जो जीवन में समृद्धि, सफलता, मानसिक शांति और स्वास्थ्य प्रदान कर सकते हैं।
अब नीचे दिए जा रहे हैं प्रमुख रत्नों की जानकारी, उनके ज्योतिषीय महत्त्व और उन्हें धारण करने की विधियाँ —
- माणिक (Ruby)
माणिक का ज्योतिष में महत्व:
माणिक सूर्य ग्रह का रत्न है। यह आत्मबल, यश, नेतृत्व क्षमता और आत्मविश्वास बढ़ाने में सहायक होता है।
यदि कुंडली में सूर्य अशुभ हो या आत्मसम्मान में कमी हो, तो माणिक धारण करने से व्यक्तित्व में तेज और प्रभावशीलता आती है।
माणिक पहनने की विधि:
पहनने का दिन: रविवार प्रातः 6 से 8 बजे के बीच
धातु: सोना या तांबा
उंगली: अनामिका (Ring Finger) दाएं हाथ की
मंत्र: “ॐ घृणि सूर्याय नमः” — 108 बार जाप करें
कैसे पहनें: सूर्योदय के समय सूर्य को जल अर्पित कर रत्न को गंगाजल से शुद्ध करें और मंत्र के साथ धारण करें।
माणिक पहनने से लाभ:
आत्मबल और आत्मविश्वास में वृद्धि
प्रतिष्ठा और नेतृत्व क्षमता में इजाफा
सरकारी कार्यों में सफलता
- नीलम (Blue Sapphire)
नीलम का ज्योतिष में महत्व:
नीलम शनि ग्रह का रत्न है। यह कर्म, अनुशासन और स्थिरता का प्रतीक है।
जब शनि कुंडली में कष्टकारी स्थिति में हो (साढ़ेसाती, ढैय्या), तब नीलम सुरक्षा कवच का कार्य करता है।
नीलम पहनने की विधि:
पहनने का दिन: शनिवार, सूर्यास्त से पूर्व
धातु: लोहा या पंचधातु
उंगली: मध्यमा (Middle Finger)
मंत्र: “ॐ प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः” — 108 बार
कैसे पहनें: शनिदेव के चित्र के समक्ष धूप-दीप जलाकर नीलम को पूजा कर धारण करें।
नीलम पहनने से लाभ:
शत्रु बाधा, दुर्घटना और न्यायिक मामलों से रक्षा
तेज़ निर्णय क्षमता और अचानक लाभ
मानसिक शांति और स्थिरता
- पुखराज (Yellow Sapphire)
पुखराज का ज्योतिष में महत्व:
पुखराज गुरु ग्रह का रत्न है। यह ज्ञान, वैवाहिक सुख और संतान की प्राप्ति में सहायक होता है।
गुरु अशुभ हो तो व्यक्ति को मार्गदर्शन, संतान सुख और वैवाहिक जीवन में परेशानी होती है।
पुखराज पहनने की विधि:
पहनने का दिन: गुरुवार, सूर्योदय के बाद
धातु: सोना
उंगली: तर्जनी (Index Finger)
मंत्र: “ॐ ग्रां ग्रीं ग्रौं सः गुरवे नमः” — 108 बार
कैसे पहनें: रत्न को गंगाजल और दूध से शुद्ध कर, हल्दी लगाकर पूजा करें और मंत्र जाप के साथ धारण करें।
पुखराज पहनने से लाभ:
विवाह में विलंब दूर होता है
संतान सुख और शिक्षा में उन्नति
धार्मिक कार्यों में रुचि और प्रतिष्ठा
- पन्ना (Emerald)
पन्ना का ज्योतिष में महत्व:
पन्ना बुध ग्रह से संबंधित है। यह बुद्धिमत्ता, वाणी की स्पष्टता और व्यावसायिक निर्णयों में मदद करता है।
बुध के अशुभ प्रभाव से वाणी दोष, तर्कशक्ति की कमी या व्यापार में हानि हो सकती है।
पन्ना पहनने की विधि:
पहनने का दिन: बुधवार
धातु: सोना या चांदी
उंगली: कनिष्ठा (Little Finger)
मंत्र: “ॐ बुं बुधाय नमः” — 108 बार
कैसे पहनें: हरे वस्त्र पहनकर पूजा करें, तुलसी को जल चढ़ाएं और रत्न धारण करें।
पन्ना पहनने से लाभ:
वाणी में सुधार और वाक्पटुता
व्यापार में सफलता और मुनाफा
स्मरण शक्ति और तर्कशक्ति में वृद्धि
- मोती (Pearl)
मोती का ज्योतिष में महत्व:
मोती चंद्र ग्रह का रत्न है, जो मन की शांति, भावनात्मक संतुलन और मातृत्व भाव को मजबूत करता है।
चंद्र अशुभ हो तो मन में अशांति, भय, अनिद्रा और चिंता बनी रहती है।
मोती पहनने की विधि:
पहनने का दिन: सोमवार
धातु: चांदी
उंगली: कनिष्ठा (Little Finger)
मंत्र: “ॐ चंद्राय नमः” — 108 बार
कैसे पहनें: चंद्रमा को कच्चे दूध का अर्घ्य दें और सफेद वस्त्र पहनकर रत्न धारण करें।
मोती पहनने से लाभ:
मानसिक शांति और नींद में सुधार
भावनात्मक स्थिरता और करुणा
मातृ संबंधों में प्रेम और सामंजस्य
- गोमेद (Hessonite) – राहु दोष निवारण और अचानक लाभ के लिए
ज्योतिष में गोमेद का महत्व:
गोमेद राहु ग्रह का रत्न है। यह रत्न उन जातकों के लिए अत्यंत फलदायक होता है जिनकी कुंडली में राहु की महादशा या राहु दोष चल रहा हो।
यह मानसिक भ्रम, भय, बुरी संगति और असमंजस की स्थिति से बाहर निकालता है और अचानक धन प्राप्ति या प्रसिद्धि दिलाने में सहायक होता है।
पहनने की विधि:
पहनने का दिन: शनिवार या बुधवार शाम को
धातु: पंचधातु या चांदी
उंगली: मध्यमा (Middle Finger)
मंत्र: “ॐ रां राहवे नमः” — 108 बार जाप करें
कैसे पहनें: रत्न को गंगाजल, दूध और शुद्ध जल से शुद्ध कर राहु के यंत्र या चित्र के सामने पूजा करें।
लाभ:
राहु के कारण उत्पन्न मानसिक बेचैनी, डर और भ्रम से राहत
राजनीतिक या फिल्मी क्षेत्र में तेजी से उन्नति
कोर्ट-कचहरी से जुड़ी समस्याओं में मदद
अचानक धन प्राप्ति और प्रसिद्धि
- लहसुनिया (Cat’s Eye) – केतु दोष निवारण और आध्यात्मिक प्रगति के लिए
ज्योतिष में लहसुनिया का महत्व:
लहसुनिया रत्न केतु ग्रह से जुड़ा है। यह रत्न गूढ़ साधना, रहस्य, अध्यात्म, और बुरी शक्तियों से रक्षा के लिए श्रेष्ठ है।
जो लोग तंत्र-मंत्र, ध्यान-साधना या अदृश्य डर से प्रभावित रहते हैं, उनके लिए यह रत्न एक सुरक्षा कवच जैसा काम करता है।
पहनने की विधि:
पहनने का दिन: मंगलवार या शनिवार
धातु: चांदी या पंचधातु
उंगली: अनामिका (Ring Finger)
मंत्र: “ॐ कें केतवे नमः” — 108 बार
कैसे पहनें: रत्न को धूप-दीप से शुद्ध कर, केतु यंत्र की पूजा के बाद धारण करें।
लाभ:
केतु दोष और अचानक दुर्घटनाओं से रक्षा
तंत्र बाधाओं से मुक्ति
गूढ़ और आध्यात्मिक ज्ञान की प्राप्ति
नजर दोष से सुरक्षा
- हीरा (Diamond) – वैवाहिक सुख, सौंदर्य और आकर्षण के लिए
ज्योतिष में हीरा का महत्व:
हीरा शुक्र ग्रह का रत्न है। यह भौतिक सुख, वैवाहिक आनंद, सौंदर्य, और प्रेम संबंधों में स्थिरता लाता है।
विपरीत लिंग के प्रति आकर्षण और वैवाहिक जीवन की मधुरता के लिए यह सर्वोत्तम माना गया है।
पहनने की विधि:
पहनने का दिन: शुक्रवार
धातु: प्लैटिनम या सफेद सोना
उंगली: मध्यमा (Middle Finger)
मंत्र: “ॐ शुक्राय नमः” — 108 बार
कैसे पहनें: रत्न को गंगाजल और कच्चे दूध से शुद्ध कर, शुक्रवार को पूजा कर पहनें।
लाभ:
प्रेम संबंधों में स्थिरता
सौंदर्य, कला, और भौतिक समृद्धि में वृद्धि
आकर्षण और वैवाहिक सौंदर्य में निखार
- फिरोजा (Turquoise) – स्वास्थ्य, समृद्धि और नजर दोष से रक्षा के लिए
ज्योतिष में फिरोजा का महत्व:
फिरोजा को नजर दोष, शारीरिक कमजोरी और मानसिक चिंता से रक्षा के लिए शुभ माना जाता है।
यह कोई ग्रह विशेष का रत्न नहीं होता, लेकिन यह सुरक्षा और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है।
पहनने की विधि:
पहनने का दिन: गुरुवार या सोमवार
धातु: चांदी
उंगली: तर्जनी (Index Finger) या अंगूठा
मंत्र: “ॐ नमः शिवाय” — 108 बार
कैसे पहनें: रत्न को पंचामृत से स्नान कराकर शिव को अर्पित कर पहनें।
लाभ:
नजर दोष, बुरी शक्तियों से रक्षा
भाग्यवृद्धि और सौभाग्य
मन और शरीर दोनों को ऊर्जा प्रदान करता है
- ओपल (Opal) – रचनात्मकता, प्रेम और विलासिता के लिए
ज्योतिष में ओपल का महत्व:
ओपल शुक्र ग्रह का विकल्प रत्न है। यह कला, डिजाइन, फैशन, अभिनय और रचनात्मक क्षेत्रों में सफलता देता है।
प्रेम संबंधों, वैवाहिक जीवन और भोग-विलास की इच्छाओं को पूरा करने में यह सहायक है।
पहनने की विधि:
पहनने का दिन: शुक्रवार
धातु: चांदी या सफेद सोना
उंगली: मध्यमा (Middle Finger)
मंत्र: “ॐ द्रां द्रीं द्रौं सः शुक्राय नमः” — 108 बार
कैसे पहनें: सफेद वस्त्र पहनकर, शुक्र यंत्र के समक्ष रत्न की पूजा कर धारण करें।
लाभ:
रचनात्मकता और कलात्मक अभिव्यक्ति में वृद्धि
सौंदर्य, प्रेम और विलासिता की प्राप्ति
वैवाहिक जीवन में संतुलन और मधुरता